Menu
blogid : 4631 postid : 25

वैकाल्पिक राजनीति

gopal agarwal
gopal agarwal
  • 109 Posts
  • 56 Comments

उल्टी बहस कर वक्त न गवायें :
छत पर कौवों की वीट पड़ी है, कमरा मकड़ी के जालों से भरा पड़ा है। परिवार में बहस हो गयी कि पहले छत साफ करें या कमरा। गृहणी सयानी थी। कमरा रोजमर्रा के रहने की जगह है। पहले इसे साफ कर लें। अगली छुटटी में छत भी साफ कर लेंगे। फैसला लेना है कि “सफाई जरूरी है या बहस” यदि बहस में दिन गुजारने लगे तो कमरा-छत दोनों गन्दे रह जायेंगे।
पिछले छ: महीनों से बहस चल रही है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल दायरे में लेना है या नहीं। कोई कहने वाला नहीं कि चलो छोडें क्रियान्वयन धरातल से शुरू तो करो। ऊपर के घोटालों का मसला करोड़ो-अरबों रूपये का है परन्तु नागरिक की आज परेशानी क्या है –
1. बिना पैसे मोबाइल चोरी तक की एफ०आई०आर० नही होती।
2. आय प्रमाण पत्र तीन सौ रूपये और तीन दिन तक धक्कों की एवज में ही मिलता है।
3. बिना रिश्वत नये वाहन का पंजीकरण नही होता जिसके मानक का ग्राहक से लेना देना नही, ड्राइविंग लाइसैन्स तो दूर की बात है।
4. वाणज्यिकर का रिटर्न हो पंजीयन, या कचहरी का कोई कागज जमा कराना हो, बिना घूस के जमा नही होता।
5. पुलिस वाले पीड़ित से ही भददी भाषा में बोलते हैं।
6. दाखिले के लिए प्राइवेट कॉलिज लाखों की रिश्वत लेते हैं।
7. सम्पत्ति खरीदो या बेचो रजिस्ट्री कार्यालय का कमीशन बंधा हुआ है।

ऐसे हजारों पाइन्ट हैं जिस पर प्रत्येक नागरिक को दिन में कई बार आमना सामना करना पड़ता है। दिल्ली वाले लोकपाल को शिकायत दर्ज कराना तो लम्बा व खर्चीला काम है। हमें तो हर शहर व कस्बे में आठ-दस शक्ति सम्पन्न ‘लोकमान्य’ चाहिए जो शिकायत आते ही टेलीफोन पर सम्बन्धित अधिकारी से सवाल कर सकें। हमें हर कस्बे में सिविल सोसायटी, अन्ना हजारे, केजरीवाल व किरण बेदी चाहिए। परम्परागत नेताओं को किनारे करने के बाद ही समाज सुधरेगा। ये नेता तो चाहेंगे कि एफ०आई०आर० न हो, नेता के फोन पर रिपार्ट लिखी जायेगी या दाखिले की रिश्वत में पांच-दस हजार की कमी होगी तो नेता का एहसान चुकाने के लिए उसके चुनाव में कार्य करना होगा, ध्यान रहे, बंधुआ मजदूरों का जीवन छोड़ कर सामाजिक कार्यकर्ता का जीवन जीने वाला अपने क्षेत्र का गांधी होगा। एक बार धरातल की सफाई शुरू हो गयी तो कोई सरकार या उसका औहदा ऐसा नही होगा जिस पर लोकपाल का नियन्त्रण न हो।
गोपाल अग्रवाल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh